शुक्रवार, 1 जुलाई 2011
शनिवार, 18 जून 2011
लाये सजीवन लखन जिलाए...
शुक्रवार, 3 जून 2011
सोमवार, 30 मई 2011
गुरुवार, 26 मई 2011
मंगलवार, 17 मई 2011
गं गणपतये नमः
सोमवार, 9 मई 2011
अक्स
मंगलवार, 3 मई 2011
'द रियल सेल्फ '
सोमवार, 25 अप्रैल 2011
द ट्रिनिटी
शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011
मनुष्य और सर्प
बुधवार, 20 अप्रैल 2011
रविवार, 17 अप्रैल 2011
हरी आँख का समंदर
गुरुवार, 14 अप्रैल 2011
व्यक्तित्व की विकृति
इस स्केच का नाम मैंने 'व्यक्तिव की विकृति' रक्खा है। इसको स्केच करने के बाद मैंने कुछ पंक्तियाँ लिखी जो शायद आप पढ़ पायें..आपकी सुविधा के लिए दुबारा उसे नीचे प्रस्तुत कर रहा...
"वह लड़ता रहा समय से -
और कभी न जीता....
इसलिए वह,
असमय ही बूढा हो गया -
लड़ते लड़ते अपना....
अर्थ ही खो गया। "
रविवार, 10 अप्रैल 2011
पशु वृत्ति
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011
चेहरे
मंगलवार, 5 अप्रैल 2011
आदमी का व्याघ्र मन
यह स्केच १९८८ में ही बनाया गया था यूँ ही बैठे ठाले.हर आदमी के भीतर एक हिंसात्मक प्रवृत्ति होती है। मेरा यह स्केच आदमी की उस हिंसात्मक प्रवृत्ति को समर्पित है.मैंने इसका नाम इसलिए "आदमी का व्याघ्र मन" रक्खा है.मैंने पूर्व में २ मार्च को "व्याघ्र मन " शीर्षक से एक रंगीन चित्र अपलोड किया था जो हाल में ही बनाया था..दोनों का थीम एक ही है पर तरीका व्यक्त करने का अलग अलग .
रविवार, 3 अप्रैल 2011
शनिवार, 2 अप्रैल 2011
शिव-शक्ति
शुक्रवार, 25 मार्च 2011
बुधवार, 16 मार्च 2011
तेरा चेहरा यूँ नज़र आये
गुरुवार, 10 मार्च 2011
शुक्रवार, 4 मार्च 2011
देवी
बुधवार, 2 मार्च 2011
व्याघ्र मन
गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011
मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011
शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011
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