रविवार, 10 अप्रैल 2011

पशु वृत्ति

वर्ष १९९० में बनाया गया यह स्केच मनुष्य के भीतर की पाशविक प्रवृत्ति को दिखता है...हालाँकि इस पशुता में हिंसा नहीं जो ब्याघ्र मन में है...इस पशु वृत्ति की आँखें हिंसक नहीं वरन प्रेम से सराबोर हैं.

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