शुक्रवार, 2 मार्च 2012

असूर्यम्पश्या


एक नयी डिजिटल पेंटिंग ....शायद पसंद आये आप सबों को....

9 टिप्‍पणियां:

  1. कुछ कह रही है ये तस्वीर.... जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है....

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  2. बहुत ही खूबसूरत...एक नयी विधा से परिचय करवाने के लिए...धन्यवाद...बाई द वे ये बनती कैसे है...

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  3. बहुत सुंदर लगी यह पेंटिंग !
    पर
    असूर्यम्पश्या इस का क्या मतलब हुआ ?

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  4. सुमन जी, जहां तक मेरा सीमित ज्ञान है वहाँ तक असूर्यम्पश्या का शाब्दिक अर्थ है वह जिसे सूरज की किरने छू तक न गयी हों या वह जो सूरज को देख न सके...
    बाणभट्ट जी...मन की गति को अंगुलियों से लय ताल में बांध कर रंगों से निखारने की कोशिश करता हूँ ...बन ही जाती है कुछ न कुछ॥

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  5. डिजिटल पेंटिंग बहुत ही खूबसूरत दिख रही है| अग्नि सी प्रखर पर स्निग्ध ..|

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