शनिवार, 28 अप्रैल 2012

पिघलता आसमान


इस पेंटिंग का नाम मैंने पिघलता आसमान रक्खा है...यहाँ नदी मे आसमान उतारने को व्याकुल हो रहा....एक अकेला चंद भरसक कोशिश कर रहा की आसमान की ऊंचाई बरकरार रहे...

18 टिप्‍पणियां:

  1. वाह...बहुत सुन्दर और सटीक!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  2. खुबसूरत अल्फाजों में पिरोये जज़्बात...

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  3. उत्तर
    1. वर्मा जी आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद

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  4. उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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