मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

सोच

गहरी सोच और हमारे भीतर का द्वन्द। ये कृति १ माह पूर्व यूँ ही बैठे ठाले बनाया था मैंने.उम्मीद है पसंद आएगा.

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर चित्र ..
    कभी समय मिले तो http://shiva12877.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपने एक नज़र डालें . धन्यवाद .

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