इस स्केच का नाम मैंने रक्खा था 'द रियल सेल्फ' ..इसको उल्टा पुल्टा करके देखा जा सकता.इसलिए मैंने दोनों तरफ की तस्वीर आपकी सुविधा के लिए अपलोड की है..हमारे मानस में धर्म को लेकर जो उथल पुथल है ,उसको समाहित करने की कोशिश की है इसमें हमने।
इस रेखाचित्र (स्केच) का शीर्षक मैंने रक्खा है " मनुष्य और सर्प" ...शायद हमारे मन के भीतर के "दर्प" को यह प्रतिबिंबित करता है...फन काढ़े हुए हमारा 'दर्प"...जो हमारे भीतर पल रहा बन कर "सर्प"।